JK Trust Gram Vikas Yojana – Chhattisgarh – MORD

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Screened at National workshop on Good Practices in Rural Development for Sansad Aadarsh Gram Yojana at Bhopal on 23 and …

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झाल कर दो कर दो कि देश के अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में भी दुधारू पशुओं का पालन खेती के अधिकतर आएगा दूसरा बड़ा जरिया है ऐसे में जरूरी है दुधारू पशुओं की पूरी देखभाल हो उनकी नस्ल को सुधारा जाये दूध पशुपालकों के हित में कार्य कर

रहे जेके ट्रस्ट की ग्राम विकास योजना का मकसद दूध पशुपालकों को डेयरी व्यवसाय के लिए मार्गदर्शक करना है युवा दुधारू पशुओं की समस्याओं और उनके निदान को लेकर पूरी तरह प्रशिक्षित है हम पशुपालकों के घर में जाते हैं उनको चारक बारे में समझाते हैं जब से हरा चारा उन्होंने खिलाना शुरू किया

है तब से उनके दुग्ध उत्पादन में जो लगातार रही थी वह काफी हद तक कम हो गई है और उनके दूध उत्पादन में भी काफी सुधार हुआ है कि इस युवक का कार्य है घर-घर जाकर पशुपालकों की समस्याओं को समझना है की जरूरत पर पशुओं का इलाज करना गांव के

आईएलडी सेंटर को संभालने की जिम्मेदारी थी इसी युवक पर है गाय भैंसों की नस्ल को लेकर इसका अपना अनुभव है वे लोग देसी गाय पालते थे जो छोटी छोटी होती थी 15 से आधा लीटर दूध देती थी अब उसी कढ़ाई में कृत्रिम गर्भाधान करने के बाद जो उन्नत

नस्ल की बच्ची आई है वह बच्चे बड़े होकर के दूध लेने लगे हैं तो एक-एक करके पांच साथ दे रही हैं 136 करके ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को गोपाल के नाम से जाना जाता है ग्राम विकास योजना के तहत भ्रष्ट कम-से-कम बारह विश्वास युवकों का

चयन प्रशिक्षण के लिए करता है संस्थान में नियमित कक्षाएं लगती है साथ ही यहां प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है प्रशिक्षण पूरा होने पर प्रशिक्षित युवा को गोपाल के रूप में एक क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी जाती है कि जब से भोपाल आए हैं हमारे यहां पशु

नस्ल में सुधार हुआ है उन्नत नस्ल के बच्चे उत्पन्न हो रही है साथ ही साथ दूध उत्पादन में वृद्धि हुआ है मोबाइल वैन की सुविधा हो गई है होने एक बार फोन करने से तुरंत पर सेवा देने को तैयार रहते हैं उसमें कृत्रिम गर्भाधान है आपका आपका प्रथमेश्वर बीमारी होता है उसमें टीकाकरण

का सीधा है इस व्यवस्था अ गोवर्धन द्वारा दे रहे हैं कि इस लगाओ ट्रीटमेंट वैज्ञानिक दुधारू पशुओं की प्रॉस्ट्रेट के लिए प्रयोग करते हैं ताकि दुधारू पशुओं की बेहतर नस्ल तैयार हो सके और दुग्ध उत्पादन में भी गुणात्मक बढ़ोतरी हो कुल मिलाकर परिणाम बेहतर रहे हैं अ

कि जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर पशु जांच और चिकित्सा कैंप लगाए जाते हैं कैंप में पशुपालकों को विभिन्न विषयों पर जागरूक भी किया जाता है मैं इसी जागरूकता के चलते अब यहां नेपियर घास का उत्पादन हो रहा है जो दुधारू पशुओं

के लिए बेहतर आहार है पहले तो हम लोगों का क्या शर्मा तक खेती है एक माध्यम था सर खेती करते थे और वह भी बहुत कम आमदनी थी जब से दुग्ध व्यवसाय अवतार से ट्रैक्टर भी खरीदने हूं अभी वर्तमान में ज़मीन नहीं ख़रीद लूं इसे बहुत ट्रैफिक जैम लघता फिफ्थ

छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में दुधारू पशुओं की नस्लों को सुधारने का यह प्रयास यह अपेक्षा से अधिक कामयाब रहा है जरूरत है यही प्रयास देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में लागू हो ताकि गांव-गांव में हूं बेहतर नस्ल के दुधारू पशु और दुग्ध पशुपालक आर्थिक रूप से सशक्त है

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