Ram Van Gaman Path Project, Chhattisgarh Govt to develop 75 prime places into tourist spots, CGPSC

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What is the in this Video

हेलो हेलो एवरीवन वेलकम टू स्टडी आइक्यू स्टडी आइक्यू के इस विडियो में मैं बात करूंगा छत्तीसगढ़ सरकार के एक बहुत इंपोर्टेंट प्रोजेक्ट की राम वन गमन पथ क्या है राम वन गमन पथ इसके बारे में हम डिटेल में चर्चा करेंगे यह छत्तीसगढ़ का पर्यटन बहुत अलग स्तर पर ले जाएगा यह

प्रोजेक्ट हम अयोध्या में राम मंदिर के बारे में तो जानते हैं जिसका निर्माण शुरू हो चुका है लेकिन छत्तीसगढ़ के राम वन गमन पथ के बारे में हम बहुत ज्यादा नहीं जानते हैं अब जानते हैं प्रभु श्री राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ था इस वनवास काल में

भगवान श्रीराम ने कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा और विद्या ग्रहण की तपस्या की और भारत के आदिवासी और तमाम तरह के भारतीय समाज को संगठित करके उन्होंने धर्म के मार्ग पर उनको चलाया था कि भगवान श्रीराम के वनवास के लिए गए थे तो किन-किन जगहों से होकर गुजरे थे ऐसा

माना जाता है आयोध्या से उन्होंने अपनी यात्रा प्रारंभ की थी फिर वह तमसा नदी के पास गए थे जो अयोध्या से लगभग 20 किलोमीटर दूर है यहां पर उन्होंने नाव से नदी पार की फिर श्रृंगवेरपुर तीर्थ सुराणी गांव प्रयाग चित्रकूट सतना दंडकारण्य पंचवटी सर्वतीर्थ पर्णशाला तुंगभद्रा शबरी का

आश्रम जो अंपायर तुंगभद्रा नदी का पूरा नाम है उसी के किनारे पर हम पर में फंसा हुआ है शबरी के आश्रम ऋषि मुख पर्वत को डी कराई उसके बाद रामेश्वरम व धनुष्कोडी और फिर श्रीलंका पहुंचे थे पुल पर पार करके पूरी सेना के साथ लंका में जब वह गए तो

नुवारा एलिया करके पर्वत श्रंखला है वहां पर हो गए थे तो यह भगवान राम का पूरा एक पत्र था जो उन्होंने लिया था वनवास के समय अब यह इसमें जो छत्तीसगढ़ के अंदर था वह कौन था यानी भगवान राम ने बहुत लंबा समय छत्तीसगढ़ में कि मैं आपको धन करने के

बारे में बताता हूं यहां पर उन्होंने अपना समय बिताया था तो दंडकारण्य में आज की तारीख में आंध्र प्रदेश ओडिशा और छत्तीसगढ़ का काफी बड़ा हिस्सा आता है तो भगवान राम के वनवास काल में ऐसे टोटल छत्तीसगढ़ की सरकार ने 725 प्लेसिस है जिनको आईडेंटिफाई करा है यह आपस में जोड़ा

जाएगा एक सर्किट के रूप में इनकी कुल लंबाई जो होगी वह लगभग 2260 किलोमीटर होगी ऐसा भी माना जाता है कि 14 साल का वनवास था उसमें से 10 साल भगवान श्री राम ने छत्तीसगढ़ में ही बिताए थे तो अब भूपेश बघेल जो मुख्यमंत्री हैं छत्तीसगढ़ के राम

वन गमन पथ की घोषणा उन्होंने दिसंबर 2020 में करी थी और यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है तो टोटल जो राम वन गमन पथ बनेगा वह 528 किलोमीटर का मार्ग होगा उसके दोनों किनारों पर डेढ़ लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे इस बहुत तरह के पेड़ इसमें लगेंगे

जैसे पीएम कि बर्गर जामुन अर्जुन का पेड़ करंज नीम इत्यादि और यहां पर जो स्थल बनेंगे उन्हें एंट्रेंस डोर इंटरप्रिटेशन सेंटर कल्चरल सेंटर कैफेटेरिया डिस्प्ले बोर्ड साइन बोर्ड बहुत कुछ होगा इसके अलावा योगा मेडिटेशन सेंटर प्रवचन केंद्र धर्मशालाएं प्रयोगशालाएं यह सभी बनेगी है अब हम यह देखते हैं कि छत्तीसगढ़ में

पहला चरण जो रिश्ता बनेगा उसमें जो 9 जगह चिह्नित की गई है वह कौन सी हैं जैसे मैंने बताया नोट छत्तीसगढ़ से साउथ छत्तीसगढ़ तक यह बात यह पत्र राम वन गमन पथ होगा और सबसे पहली जगह जो इसमें है वह है सीतामढ़ी हरचौका जो कोरिया डिस्ट्रिक्ट

में आती है इसे मां सीता की दिव्य रसोई भी बोलते हैं यहां पर भगवान राम के पैरों के निशान वाले शिलालेख भी पाए गए हैं मई नदी के तट पर है यह सीतामढ़ी हरचौका और यहां पर गुस्सा भी है जिसमें 17 कमरे हैं यहां पर एक शिवलिंग भी है जो 20 फुट ऊंचा

है कि उसके बाद है रामगढ़ रामगढ़ की पहाड़ी सरगुजा जिले में रामगढ़ की जो पहाड़ी है उसमें तीन कक्षों वाली सीता बेंगरा गुस्सा है यह देश की सबसे पुरानी नाट्यशाला इसे कहा जाता है कहा जाता है कि वनवास काल में भगवान राम यहां पहुंचे थे और यह सीता का

कमरा था कालिदास ने जब मैं 12 किताब लिखी तो उसमें भी इसका वर्णन उन्होंने किया है यह काफी इंपोर्टेंट जगह है यहां पर ₹1 का नाम योग हमारा भी रखा गया है जिसमें ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने एक तपस्वी का वेश धारण किया था

कि उसके बाद है अगली जला दें इसको बोलते हैं शिवरीनारायण जांजगीर-चांपा जिले के इस स्थल पर रुककर भगवान राम ने शबरी के झूठे बेर खाए थे थे मैं तो शिव नार्थ जोन और महानदी उनका त्रिवेणी संगम होता है यहां पर शिवरीनारायण दो शब्दों से मिलकर बना है

शबरी और नारायण यह जगह माता शबरी के मातृत्व का प्रतीक है उनकी भगवान राम के प्रति आस्था का प्रतीक है कि उसके बाद अगली जगह है तोड़ तोरिया बलौदा बाजार भाटापारा जिले के स्थान को लेकर जनश्रुति यह कहती है कि महर्षि वाल्मीकि का आश्रम यहां पर था और यहीं पर

लव और कुश का जन्म हुआ बलभद्ररी नाले का पानी चट्टानों के बीच में से निकलता है और उसमें आवाज़ आती है तुर तुर तुर तुर पीस लें इस जगह का नाम है तुरतुरिया पड़ गया तो यह लव कुश का जन्म स्थान है यहां पर महर्षि वाल्मीकि का आश्रम था अगली जगह है

चंदखुरी यह रायपुर जिले में है एक छोटा सा गांव है बेसिकली 126 तालाब हैं यहां पर और यहां पर माता कौशल्या का जन्म हुआ था और इसलिए छत्तीसगढ़ को हम भगवान राम का ननिहाल बोलते हैं और शल्य माता का दुनिया में यह एक मात्र मंदिर है उसके बाद अपनी जगह है राजिम

कि गरियाबंद जिले का प्रयोग से कहा जाता है लोमेश ऋषि का आश्रम है यहां पर यहां पर 3 नदियां मिलती हैं सोंढूर पैरी और महानदी भगवान श्रीराम ने इस स्थान पर अपने कुल देवता महादेव की पूजा की थी इसलिए यहां पर कुलेश्वर महाराज का मंदिर भी है यहां पर

रामनवमी पर्व मेला भी लगता है अगली जगह ऐसी हवा धमतरी जिले के सिहावा कि वे इन पहाड़ियों में बहुत सारे कृषकों के आश्रम है जैसे अंगिरा आश्रम श्रृंग ऋषि आश्रम कंकर ऋषि आश्रम शरभंग ऋषि आश्रम गौतम ऋषि आश्रम अगस्त्य ऋषि आश्रम इत्यादि भगवान राम ने दंडकारण्य कि आश्रम में दृष्टियों

से भेंटकर काफी समय यहां पर बिताया था तो यह एक काफी इंपोर्टेंट है घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच है पवित्र स्थल सिहावा उसके बाद है चित्रकूट में कि चित्रकूट भगवान राम विषम से में भगवान शिव और पार्वती माता से भी यहां पर हुई थी चित्रकूट को बस्तर क्षेत्र में राम वनगमन

के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का स्थल माना जाता है तो यह जो जगह है यहां पर बस्तर क्षेत्र में बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर और भगवान वनवास काल में भगवान राम जगदलपुर से उतरे थे ऐसा भी माना जाता है यहां से चित्रकूट का रास्ता जाता है और जगदलपुर को

पांडवों के वंशज राजा ने अपने अंतिम राजधानी बनाया और उसके बाद फाइनली आप कि भगवान राम के पद से यहां पर मिलते हैं मान्यता के अनुसार सुकमा जिले में जगह रामाराम जहां पर भगवान राम के पैरों के निशान है यही तो उन्होंने भूमि देवी की

पूजा भी की थी तो यह है वह नो जगह पहले चरण में और दूसरे चरण में फिर और बहुत सारी जगह है जिनका विकास होगा धीरे-धीरे लेकिन पहले चरण में यह नौ लगाएं जिनका विकास होगा उम्मीद करते हैं जैसे उत्तर प्रदेश में यह माना जा रहा है कि अयोध्या

मंदिर जब एक बार भव्य बन जाएगा तो बहुत ज्यादा वहां पर्यटन बढ़ेगा का यह इट इसी तरह से छत्तीसगढ़ में भी राम वन गमन पथ बनने के बाद तो रिज्म और ग्रोथ काफी ज्यादा होगी रोजगार का सृजन भी होगा आशा करता हूं यदि आपको पसंद आया होगा इस पर

आपके जो भी विचार है अगर आप छत्तीसगढ़ से हैं और इन जगहों के बारे में और ज्यादा करते जानते हैं तो जरूर कमेंट में लिखिए हम आपके कमेंट का इंतजार करेंगे थैंक यू फॉर वाचिंग माय वीडियो में

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