PM Modi attends Sant Mirabai's 525th birth anniversary celebrations | Hema Malini's performance

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now



On the occasion of Sant Mirabai’s 525th birth anniversary, PM Modi attended Hema Malini’s performance at ‘Sant Mirabai …

What is the in this Video

[संगीत] गजाननम भूत गणाद सेवितम कप ु फल सार भक्षणम उमा सुत शोक विनाश काम नमामि विघ्नेश्वर पा पंकजम मोशिक वाहन मोदक हस्त चामर करण विलंबित सूत्र वामन रूप महेश्वर पुत्र विघ्न विनायक पद नमस्ते [संगीत] गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद गोपाल जय जय

गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद गोपाल जय जय गोविंद गोविंद [संगीत] गोपाल अब गए बहुत पल बीत मगर तू मुख से बोली नहीं

नटी खोई खोई क्यों बैठी है क्यों है चुप क्यों कटी कटी मैं कृष्ण ध्यान में खोई थी क्यों ध्यान को मेरे तोड़ दिया तेरी बात सुनते ही मुरली ने बजना छोड़ दिया हे प्यारे नट तू धीरज धर में भक्ति मार्ग दिखलाती हूं मेवाड़ की रानी मीरा के

मैं कथा सुनाती हूं तुझको कथा सुनाती हूं मीरा के गीतो का चंदन ये मिट्टी राजस्थान की इस मिट्टी से जन्मी मीरा कण कण में कृष्ण समाए है मीरा बाय के गीतो ने संसार में दीप जलाए हैं जब मीरा सात बरस की थी वृंदावन से कुल

गुरु आए सपने में कृष्ण की आज्ञा से कृष्ण के मूरत संगला वो जीवन का ऐसा फल था जब मेरा सुद बुध भूल गई चौ और कृष्ण बस कृष्ण कृष्ण और मीरा बन गई कृष्ण मई मीरा बन गई कृष्ण [संगीत] मई गोविंद गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव गोविंद गोविंद हरे मुरारी

हे नाथ नारायण [संगीत] वासुदेव सुन प्यारे नट मेरी वानी जिस मीरा को दे जन्म सृष्टि अभिमानी हो गई वो रूप की रानी देखो उधर मीरा सयानी हो गई मीरा सयानी हो गई सयानी हो गई मीरा सयानी हो गई मीरा सयानी हो गई मीरा सयानी हो गई मेरा सयानी हो [संगीत] ग [संगीत] [संगीत]

प्र कृष्ण पिया कृष्ण पिया कृष्ण पिया मोरी रंग दे [संगीत] चुनरिया कृष्ण पिया मुरी रंग दे चुनरिया ऐसी रंगत रंग दे सांवरिया धोब धोवे चाहे सारी उमरिया धोब धोवे चाहे सारी उमरिया कृष्ण पिया मोरी रंग दे चुनरिया ऐसी रंगत रंग दे सांवरिया धो भी धोवे चाहे सारी उमरिया [संगीत] बना रंगाया घर नहीं

जाऊ बीत जाए चाहे सारी उमरिया बिना रंगाया घर नहीं जाऊ बीत जाए चाहे सारी उमरिया धोप धोवे चाहे सारी उमरिया हो कृष्ण पिया मुरी रंग दे चुनरिया ऐसी रंगत रंग दे सांवरिया धो भी धोवे चाहे सारी [संगीत] उमरिया सकरी सराय में मोहन मिलियो बोली लाज बसारी चुनरिया जमुना के तीरा देन

चरावे अजब सुनावे मानो मीठी बांसुरिया थ सराय में मोहन मिलियो भूली राज बिसार कुनरिया यमुना की तेरा धेनु चरावे अजब सुनावे मान मीठी बा सुरिया बाई मीरा के प्रभु गिरधर नोगर बाई मीरा के प्रभु गिरिधर नागर हरि चरना गुण सब मिल गईया सरा में मोहन मिलियो भूली ला पनरिया ना पिया कृष्ण

पिया कृष्ण पिया मोरी रस चु प रंग अजब सुनावे मान [संगीत] बाया [संगीत] मीरा कहां खो गई [संगीत] सुन बांसुरी बजी हमने तो नहीं सुनी मैंने सुनी एक बांस की थी बांसुरी मधुबन में बज रही इतनी जरा सी बात पर दुनिया बदल गई जीवन बदल गया सखी दुनिया बदल [संगीत]

गई मीरा बेटी आप पास मेरे बाहों में तुझको मैं भर लू और चांद साय माथा चूम मीरा होगा तेरा विवाह श्री भोजराज सुंदर वर से मेवाड़ की रानी बनेगी तू मीरा तेरे शुभ पुण्य जगे अब समझ गई हम क्यों है तू अनमनी रूप चंदनी सजन के घर जाना है मिलन का दीप चलाना

है ठुमक ठुमक रुनझुन रुनझुन जय मानली सखी आएगी बल खाएगी मुस्का आएगी खूंट में तनिक लज जाएगी राजा नतमस्तक होंगे जब तब डालेगी जयमाल सखी अरे नैना क्यों भर आए तेरे क्या अभी चली ससुराल सखी [संगीत] [संगीत] हे गोपाल हे [संगीत] गोपाल हे गोपाल हे गोपाल कहां छुपे हो सांवरे दर्शन दो [संगीत]

लजना मुझ पे विपदा बड़ी सावरिया संगत की है भड़ी सावरिया मनमोहन तुम कहां छुपे हो मनमोहन तुम कहां छुपे हो मैं ना कुलते [संगीत] हा हे गोपाल हे [संगीत] गोपाल मन था मोरा कागर कोरा इस पे लिखा प्रभु नाम तोरा प्रेम पढ़ाई खर जानू ना मानू [संगीत] सुरता हे

गोपाल हे गोपाल क छुपे हो सावरे हे गोपाल हे गोपाल [संगीत] हे निष्ठुर निर्मोही प्रीतम मुझको रा दिखाओ तेरे बिन मैं नहीं जिऊंगी अपना और सफ मेरा होने चले पढ़ाई आओ मोहन आओ आओ मोहन आओ आओ मोहन आ [संगीत] मीरा क्यों इतना विलाप कर रही

हो तुम तो मेवाड़ की राजरानी बनने जा रही हो इसमें कैसा दुख अब भी मुझे ही पुकारती हो कहां वो मेवाड़ के सिरमौर कहां यह गोकुल का माखन चोर कहां वह तलवार का रखवाला कहां यह लकड़ कमरिया वाला [संगीत] ग्वाला जब आत्मा तुम्हारी है तो तन कैसे हो और किसी

का तन मन अगर हुआ ये पराया गिरधर जीवन जी ना विश है मैं तुझे की बनू संग नहीं मेरे लिए सोचना है अच्छा तो इसका अर्थ यह हुआ कि विवाह होते ही तुम मुझे भूल जाओगी क्योंकि तुम्हारी बातों से तो यह लगता है कि जहां

शरीर है बस वही आत्मा है जबक शरीर नश्वर है और आत्मा अमर यंग मत करो सावरे मेरे कथन का यही अर्थ निकाला तुमने बचपन में माने यही कहा था कि तुम ही मेरे पति हो मेरा सचमुच सर्वांग सुहागन है फिर मेरे दो पति यह कैसे संभव है प्रभु तुम तो प्रेम पुजारन हो

मीरा य क्या मेरे तुम्हारे प्रेम में दीवार बन सकता है मीरा का नाम केवल प्रेम है मीरा केवल शरीर नहीं है उन्मुक्त पवन को कौन बांध सकता है सागर को अंजुरी में कौन भर सकता है सूर्य की किरण को कौन बंदी बना सकता है

पगले कमल का फूल जल में रहकर भी जल में नहीं रहता [संगीत] सुनो पिया सौगंध तेरे इन चरणों की सुनो पिया सागं तेरे इन चरणों की ये मीरा हनमन ग भी तेरे नाम की जोगन होगी सुनो पिया सागं तेरे इन चरणों [संगीत] की तेरा नाम मेरे हजर का

संगा तेरा नाम तेरी मीरा का [संगीत] संगसा तेरा नाम मेरे अरों का सिंहा तेरा नाम तेरी मीरा का संसार जिस दासी को देख तुम अपनी दुलहन बना लो इस लाती का एक बार तुम अपनी दुलहन बना [संगीत] लो [संगीत] [संगीत] अ [संगीत] य दिव्य सूर्य सा रूप लिए मेरी बेटी मीरा

है या कोई ज्वाला है या दूर गगन से कोई दामिनी भटक थरा पर आई है नर्तन करती एक अमिट ज्योति सी मुखड़े पर इस बाला के जैसे करोड़ दीपक जल उठे एक पल में [संगीत] बेटी देखो मुझको देख मैं मां तेरी ममता का आंचल फैलाए ठहरो रुक

जाओ मत बिखर यह नृत्य गान अब बंद [संगीत] करो देखो मां मैं दुलहन बनकर कान्हा संग रास रचा बैठी मेहंदी आलता कजरा बिंदिया पायल मैं अंग सजा [संगीत] बैठी [संगीत] बाबुल का घर छोड़ दिया घर मीरा आ चली सखी सहेली आंगन छोटा छोटी गली गली

सब छूटा फिर भी कान्हा की मूरत संग चली अब देखी क्या क्या दिखलाए विना बड़ा [संगीत] [संगीत] चले [संगीत] आ [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] क [संगीत] [संगीत] हो [संगीत] भाभी प्यारी भाभी आओ कुलदेव को नमन करो अब आज से यही इष्ट तेरे चरणों पर शीश धरो ओम जयंती मंगला कालि भद्र कालिक

कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते जय त्वम देवी चामुंडे जय भुता हारिणी जय सर्व गते देवी कालरात्रि नमोस्तुते ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री [संगीत] स्वा [संगीत] नम जाके सिर मोर मुकुट जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोही मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न को [संगीत]

जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो ना [संगीत] कोई छाड़ दई कुल की आन क्या करेगा कोई संतन संग बैठ बैठ लोक लाज खोरी मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न को [संगीत] असुवन जल सीच सीच प्रेम बेल बोई अब तो बेल फैल गई आनंद मन हो

ई मेरे तोत गिरिधर गोपाल दूसरो ना [संगीत] कोई भगति देखी राज हुई जगत देख रोई हो भगति देखी राजे हुए जगत देखे रोई दासी मीराला गिरिधर तारू अब मो दासी मेरा लागिर धर तारो अब मोही मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो ना कोई जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई मेरे तो गिरिधर गोपाल

दूसरो ना [संगीत] कोई छी ये नारी है या कोई अभिमान की मूरत है ना लोक लाज ना मर्यादा बस भोली सूरत है इसमें गुण नहीं राजकन्या से यह तो भिखार लगती है यह नृत्य गान करने वाली कोई लज्जा हीन बंजारन लगती है क्या भैया को सूझी जो इससे परिणय कर घर

लाए अब इस राजमहल की लाज तो अपना कुल इष्ट ही बचाए [संगीत] अ [संगीत] i [संगीत] मोहे जा करर राखो जी मुहे चाकर राखो जी मोहे जाकर राखो जी मोहे चाकर राखो जी चाकर रहस बाग लगास निथ उठ दर्शन पा आस वृंदावन की कुंज गलिन में तेरी लीला गास मोहे चाकर राखो

जी मोहे जाकर राखो [संगीत] जी मोर मुकुट पीतांबर सोहे गल बैजन की माला मोर मुकुट प सांबर सोहे गल बदन की माला वृंदावन में आदमी आन अब वृंदावन में आन दिन अब मोहन मुरली वाला मुहे चाकर राखो जी मोहे चाकर राखो जी मोहे चाकर राखो जी मोहे चाकर राख [संगीत]

जी हे प्राण प्रिय तुम नित्य नित्य मंदिर में पूजन अर्चन को क्यों जाती हो मैं राजा हूं मर्यादाओं से बंधा हुआ मैं तुम्हें रोकता नहीं किंतु लोगों का मुख 100 स बातें कोई तुमको कुछ भी कहता है मन में पीड़ा सी उठती है मेरा मन छलनी होता

है तो क्या अब मैं गोपाल के दर्शन कर नहीं पाऊंगी प्रिय की साधना तपस्या से वंचित रह जाऊंगी मैंने यह कब कहा प्रिय पूजन अर्चन आराधन में विघ्न नहीं कोई होगा मैं यही बनाऊंगा मंदिर फिर तुम प्रसन्न मन प्राण प्रिय जब भी चाहो पूजन करना जैसी हरि

इच्छा मैं तो केवल एक दासी हूं लाचार आदेश आपका करती हूं स्वीकार [संगीत] भैरव सिंह जी आप ब्रज की परंपरा जानते हैं अगले सप्ताह तक मंदिर बन जाना चाहिए यह विनती विशेष है यह मेरा आदेश है रुकिए भाई [संगीत] जी मेरे मन में एक दुविधा है क्लेश

है भाई जी यह कैसा अनर्थ हो रहा है कौन है जो हमारी कुल परंपरा को डुबो रहा है राजपूतों की कुल परंपरा कोई निर्जीव पत्थर का टुकड़ा नहीं जो जल में गिरते ही डूब जाए राजपूतों की कुल परंपरा अग्नि ज्वाल है जो सदैव आकाश की ओर उठती है शब्दों का

व्यर्थ प्रयोग मत करो जो कहना है स्पष्ट कहो भाई जी यह राज महल है यहां एक कोने में जो ध्वनि उठती है उसकी गूंज पूरे राज महल में पहुंचती है जाके सिर मर ट जा के सिर मोर मुकुट मेरो भाभी सा को दिया गया आपका एक

वचन खोलते जल की तरह उफन रहा है जो हमारे कुल की मर्यादा का प्रश्न बन रहा है हमारा कुल है मां अष्टभुजा दुर्गा का पुजारी और अब उनकी जगह लेंगे भाभी सा के कृष्ण मुरारी भवन में एक छोटा सा कृष्ण मंदिर आ जाएगा इसमें हमारी कुलदेवी अष्टभुजा का

क्या जाएगा क्या जाएगा भाई जी हमारी सारी मान्यताएं रह जाएगी धरी की धरी अब खड़ग खप्पर का स्थान लेगी बासुरी उदा बावली हमारा शास्त्र हमें बताता है हमारी अष्टभुजा और कृष्ण में भाई बहन का नाता है फिर आपकी भाभी सा को यदि महल में ही कृष्ण मिल जाए तो इसमें हमारा

क्या जाता है भाई जी आपका यह तर्क मुझे खल गया लगता है आपके ऊपर भाभी सा के भोलेपन का जादू चल गया मेवाड़ का हृदय और राजभवन इतना छोटा नहीं जहां श्री कृष्ण और उनके भक्त को स्थान ना मिले पहली बार मुझसे मेवाड़ की भावी महारानी ने कुछ मांगा है

और मैंने उसका वचन भर दिया है इसलिए तू माता कुलदेवी के कोप से न डर अपने भाई के वचन की चिंता कर हदय को जितना बड़ा बनाओगी इतिहास में उतना ही अच्छा स्थान पाओगी फिर आरंभ हो [संगीत] गई भाई जी आपके पग तो भाभी के घुंघरु में बंद गए

अब तो अगला पग यह उदा ही उठाएगी [संगीत] i [संगीत] h झूम झूम ल अंग पान पुर प्रंग मंजीरा साथ दे न गोपाल रंग एक एक घूरी घूम रूम रूम फनर छू मेरा मन मगन होत लागत जब श्याम अंग नैन में समाए श्याम अंग अंग छय श्याम रू

बांग मीरा नाचक उर भर कर नाचक उर भर कर नाचक उर भर [संगीत] तरंग श्री गिरिधर आगे नाचूंगी श्री गिरिधर आगे नाचूंगी नाच नाच पिया रस कर जाऊ प्रेमी जन को जा चंगी प्रेम प्रीत का बाध के घुंगरू प्रेम प्रीत का बाध के घुगरू सूरत की कचनी का चुंगी श्री गिरिधर श्री

गिरिधर श्री गिरिधर आगे [संगीत] नाचूंगी [संगीत] h [संगीत] [संगीत] मैं बिरहन बैठी जागू जगत सब सोरी आली बड़ हर बैठी रंग महल में मुति अन की [संगीत] लड़वे तारे गिन गिन रैन बिहारी सुख की घड़ी कब आवे मीरा के प्रभु गिरधर नागर मीरा के प्रभु गिरिधर नगर की बि छुड़ ना जावे मैं

बरहम बैठी [संगीत] जागू [संगीत] आप यहां इस समय बीती रात प्रभात की बेला आने को है तारों की बारात चंद्रमा की डोली ले जाने को है किंतु आप अब तक क्यों जाग रहे हैं तुम भी तो इस अर्धरात्रि में जाग रही हो मैं तो अपने इष्टदेव की आराधना कर रही

थी मैं भी अपनी कुलदेवी की आराधना में मगन था भूल हुई क्या मुझसे कोई अपलक मुझे निहार रहे हैं कभी-कभी मैं सोच नहीं पाता हूं तुम हो केवल मानवी के देवी हो लगता है तुम हो कलश किसी मंदिर का यह हाथ बहुत छोटे मेरे तुम तक यह पहुंच नहीं

पाते मीरा तुम में ऐसा क्या है जो मुझे दिव्य वरदान सा लगता है तुम नर्तन करती हो तो लगे सृष्टि नाची तुम गाती हो प्रभु गीत स्वर्ग के गान सा लगता है तुम कितनी निकट मेरे पर कितनी दूरी है मीरा जाने क्यों रूपते भगवान सा लगता [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [संगीत]

है लिखले गिरधारी बिरज में होली खेले गिरधारी लिखले गिरधारी विरज में वो निकले [संगीत] गिरधारी [संगीत] गिरिधर नगर आजा ब्रज राजा खेलन आख में चोली रा के प्रभु आ गिरधर नागर आजा ब्रज राजा खेलन आख में चोली हीरा के प्रभु आ [संगीत] उरत गुरा न भ पागल उरत गुलाल लाल भ पागल

चार दिशाए रंग डली वालन संग लिखे ले गिरिधारी चार शाय रंगारी मल संग लिखले [संगीत] गिरधार [संगीत] [प्रशंसा] भर भर कर पिचकारी गिरधारी भीगी चुनरी चोली मीरा के प्रभु आ मोर मुकुट गल माला नंद लाला बासुर आ य बोली मीरा के प्रभु [संगीत] आ गोट गोपी संग रत होली गोट गोपी संग रत

होली लाल लो कृष्ण मुरारी पालन संग बोली तेरे गिरधार लालो कृष्ण मुरारी पलन संग लिखले [संगीत] गिरधारी चरणन न पुर सोहे मन मोहे छम छम नपुर बोले डोली संग ग्वालन की डोली मीरा के प्रभु आ ल मिल सखिया गाती चिर साथी भ दे प्रेम सु जोली मीरा के प्रभु [संगीत] आ

नाचत नट थट सबको नचावे नाचत नट थट सबको नचावे नाचत सृष्टि सारी मलन संग झ ले गिरिधारी सत सृष्टि सारी मलन संग लिखले [संगीत] गिरधारी जनम जनम की दा वासी ब्रजवासी जनम जनम बलिहारी मैं वारी जीवन नैयो दोनी मीरा के प्रभुवा तुम संग प्रीत पुरानी मन मानी प्राण से प्रीति

तोली मीरा के प्रभु आ गिरधर नागर आजा ब्रज राजा लन आंख में छोली हीरा के प्रभु आ गर घड़ लागर आ कृष रे आख में छोले मेरा के प्रभु आ मेरा के प्रभु आ मेरा प्रभु आ वो लिखले गिरधारी गिरज में वो लिखले गिरिधारी लिखले गिरिधारी गिरज में लिखले

गिरिधारी महाराज की जय हो सीम पर युद्ध छिड़ गया है महाराज [संगीत] क [संगीत] ब [प्रशंसा] [संगीत] आ सुना हुआ मेवार गए महाराज स्वर्ग रण धीरा विक्रम ने पाया सिंहासन हुए अकेली मीरा हुई अकेली रा हुई अकेली [संगीत] मीरा

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

Leave a Comment